
चंडीगढ़ की Punjab University में सोमवार सुबह लोकतंत्र का उबाल देखने को मिला। सीनेट चुनाव की तारीखों के ऐलान की मांग को लेकर छात्र संगठनों ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया — और देखते ही देखते कैंपस जंग का मैदान बन गया।
पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और कई छात्रों को हिरासत में लिया गया।
सीनेट चुनाव को लेकर क्यों भड़के छात्र?
छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन और केंद्र सरकार जानबूझकर चुनाव टाल रही है, ताकि छात्रों की प्रतिनिधिक आवाज़ को दबाया जा सके।
हालांकि, केंद्र सरकार ने सीनेट और सिंडिकेट रद्द करने वाला नोटिफिकेशन पहले ही वापस ले लिया था —
लेकिन छात्रों का कहना है, “सिर्फ कागज़ वापस लेना काफी नहीं, हमें अपना वोट चाहिए!”
“लाठीचार्ज से लोकतंत्र नहीं दबेगा” — कैंपस में झड़प और गिरफ्तारी
सुबह से शुरू हुआ शांतिपूर्ण प्रदर्शन दोपहर तक उग्र हो गया। पुलिस ने छात्रों को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया।
कई छात्रों को हिरासत में लेकर बसों में भरकर बाहर भेजा गया, जबकि कुछ घायल भी हुए।
प्रशासन ने हालात बिगड़ने पर कैंपस को अस्थायी रूप से सील कर दिया। अब अंदर जाने के लिए ID कार्ड दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है।
“Gate पर Security, Mind में Democracy” — छात्रों का तंज
कई छात्रों ने आरोप लगाया कि वे यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट होने के बावजूद एंट्री नहीं दी जा रही।
एक छात्र ने कहा — “अब लगता है, यूनिवर्सिटी में पढ़ने से पहले अनुमति लेनी होगी कि आप लोकतांत्रिक हैं या नहीं!”
28 अक्टूबर के नोटिफिकेशन ने बढ़ाया विवाद
दरअसल, केंद्र सरकार ने 28 अक्टूबर 2025 को Punjab University की सीनेट और सिंडिकेट को रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी किया था।
विवाद बढ़ने पर यह फैसला वापस ले लिया गया, लेकिन अब मांग है कि सीनेट के 91 सीटों के चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं।

छात्रों का कहना है — “अगर यूनिवर्सिटी लोकतंत्र सिखाती है, तो उसे पहले खुद लोकतांत्रिक बनना होगा।”
फिलहाल सन्नाटा, पर ‘लोकतंत्र का पाठ’ जारी रहेगा
पुलिस और प्रशासन ने कहा कि हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन छात्रों ने घोषणा कर दी — जब तक चुनाव की तारीखें घोषित नहीं होतीं, विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। कैंपस में अब भारी पुलिस बल तैनात है, और सोशल मीडिया पर यह विरोध #SenateElectionNow ट्रेंड कर रहा है।
“चंडीगढ़ में अब दो ही कोर्स ट्रेंड में हैं — एक Political Science, दूसरा Protest Management!”
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